8 साल के बच्चे ने ऑनलाइन AK-47 मंगवाई, मां हैरान

02:32 PM Mar 24, 2025 |

नीदरलैंड में चौंकाने वाली घटना

8 साल के बच्चे ने ऑनलाइन AK-47 मंगवाई, मां हैरान


नई दिल्ली: आपने अब तक ऑनलाइन फूड, गैजेट्स या अन्य घरेलू सामान मंगवाने के बारे में सुना होगा। लेकिन एक 8 साल के लड़के ने डार्क वेब के माध्यम से एक AK-47 राइफल ऑर्डर कर दी। यह जानकर उसकी मां चौंक गई कि यह राइफल उसके घर पहुंच गई। यह मामला नीदरलैंड का है, जहां महिला ने बताया कि उसके बेटे ने बिना उसकी जानकारी के यह राइफल खरीदी। जब यह राइफल घर आई, तो वह हैरान रह गई। उसने तुरंत जानकारी जुटाई और पाया कि इसके पीछे डार्क वेब का हाथ था, जहां इस तरह के अवैध कार्य होते हैं।


डार्क वेब का खतरनाक सच

डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है, जहां की सामग्री तक सामान्य सर्च इंजन जैसे Google या Bing से नहीं पहुंचा जा सकता। इसके लिए विशेष ब्राउज़र और अनुमति की आवश्यकता होती है। डार्क वेब पर मौजूद सामग्री किसी भी कानून के दायरे में नहीं आती। यहां ड्रग्स, हथियार और अन्य अवैध गतिविधियों का कारोबार होता है। यह Onion Routing तकनीक पर आधारित है, जो उपयोगकर्ताओं को ट्रैकिंग और निगरानी से बचाती है। यहां ऐसे स्कैमर भी होते हैं, जो सस्ते में बैन की गई चीजें बेचते हैं। इस तरह के जाल में फंसकर लड़के ने ऑनलाइन राइफल ऑर्डर कर दी।


मां का अनुभव और जागरूकता की आवश्यकता

AK-47 खरीदने वाले लड़के की मां, बारबरा जेमेन ने एक मीडिया चैनल को बताया कि उनका बेटा कंप्यूटर पर बहुत समय बिताता था और उसने 8 साल की उम्र में हैकिंग शुरू कर दी थी। बारबरा ने कहा कि हैकर्स ने उनके बेटे का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी किया। जब उन्होंने बेटे के कमरे में जाकर देखा, तो वह ऑनलाइन गेम खेलते समय कोड वर्ड में बात कर रहा था। स्थिति तब बिगड़ी जब पता चला कि बेटे ने AK-47 मंगवा ली है। उसने सीमा शुल्क से बचने के लिए राइफल को पोलैंड से बुल्गारिया भेजा, और फिर वह नीदरलैंड पहुंची।


बारबरा ने राइफल को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने उनके बेटे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जांच में पता चला कि वह अंतरराष्ट्रीय हैकरों के जाल में फंस गया था। इस घटना के बाद बारबरा ने साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षण लेने का निर्णय लिया और अब वह डच पुलिस में साइबर स्पेशल वालंटियर हैं। बारबरा का कहना है कि आजकल बच्चों के लिए साइबर क्राइम का शिकार होना बहुत आसान है, क्योंकि अधिकांश बच्चों के पास लैपटॉप और मोबाइल होते हैं। एक अनजान क्लिक से वे हैकर्स के जाल में फंस सकते हैं। इसलिए जागरूकता बहुत जरूरी है।