सुकन्या समृद्धि योजना: एक नई दिशा
Sukanya Samriddhi Yojana: भारत में लड़कियों की शिक्षा पर चर्चा अक्सर शादी के मुद्दों से जुड़ी होती है। माता-पिता की प्राथमिकता होती है कि उनकी बेटियों की शादी अच्छे परिवार में हो और उनका जीवन व्यवस्थित हो जाए। लेकिन अब स्थिति बदल रही है, और कई लोग लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान देने लगे हैं। सरकार ने इस दिशा में कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से एक है ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, जिसमें अभिभावकों को कुछ हजार रुपये जमा करने होते हैं और मैच्योरिटी पर लाखों रुपये का लाभ मिलता है।
सरकार ने बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक विशेष योजना बनाई है, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आसानी हो। इस योजना के तहत, बेटियों के निवेश पर 8.2 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा, जिससे मैच्योरिटी के समय लाखों रुपये का फंड तैयार होगा। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना के नियम
सरकार की इस योजना के तहत, अभिभावकों को अपनी बेटियों के नाम पर खाते खोलने होंगे। सालाना निवेश की एक सीमा निर्धारित की गई है। हर साल कम से कम 250 रुपये जमा करने होंगे, अन्यथा खाता बंद हो जाएगा। इस निष्क्रिय खाते को फिर से सक्रिय करने में कठिनाई हो सकती है। इस योजना में अधिकतम 1 लाख 50 हजार रुपये तक का निवेश किया जा सकता है।
इस योजना में निवेश की अवधि 15 साल है, और इसकी मैच्योरिटी 21 साल पर होती है। 21 साल के बाद, आपको ब्याज के साथ राशि वापस मिल जाएगी। इस खाते को खोलने के लिए बच्ची की उम्र कम से कम 10 साल होनी चाहिए। यदि परिवार में दो बेटियां हैं, तो वे भी इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। पढ़ाई के दौरान पैसे निकालने की सुविधा भी है।
जब आपकी बेटी 18 साल की हो जाती है, तो आप उसके नाम पर किए गए निवेश का 50 प्रतिशत हिस्सा उसकी पढ़ाई के लिए निकाल सकते हैं। आपको हर महीने 3 हजार रुपये का निवेश करना होगा, जो 15 साल तक जारी रहेगा।
इस योजना के अंतर्गत, 21 साल बाद आपको लगभग 16 लाख रुपये का रिटर्न मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए, आप सुकन्या समृद्धि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।