आक पौधे का परिचय

आक का पौधा, जिसे आमतौर पर मदार या अर्क के नाम से जाना जाता है, शुष्क और ऊँची भूमि पर आसानी से पाया जाता है। हालांकि, इसके उपयोग के बारे में जानकारी बहुत कम लोगों को होती है।
आक के पौधे के बारे में भ्रांतियाँ
सामान्यतः यह माना जाता है कि आक का पौधा विषैला है और मनुष्यों के लिए हानिकारक है। आयुर्वेद में इसे उपविषों में रखा गया है, और अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह उल्टी और दस्त का कारण बन सकता है।
आक के पौधे के लाभ
आक के पौधे के विभिन्न हिस्से औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसके रासायनिक तत्वों में एमाईरिन, गिग्नटिओल, और केलोट्रोपिओल शामिल हैं। इसका दूध कई रोगों के उपचार में सहायक होता है।
आक के 9 अद्भुत फ़ायदे:
- शुगर और पेट की समस्या: आक की पत्तियों को पैर के तलवे से सटा कर रखने से शुगर लेवल सामान्य हो सकता है।
- घाव: आक के पत्तों का उपयोग घावों के उपचार में किया जा सकता है।
- खाँसी: आक के पत्तों के धुएँ से खाँसी में राहत मिलती है।
- सिर का दर्द: आक की जड़ की राख से सिरदर्द में आराम मिलता है।
- गठिया: आक की जड़ का सेवन गठिया के दर्द को कम कर सकता है।
- बवासीर: आक का दूध बवासीर के मस्सों के लिए लाभकारी होता है।
- उड़े हुए बाल: आक का दूध बालों को उगाने में मदद कर सकता है।
- दाद: आक के दूध का लेप दाद के उपचार में सहायक होता है।
- खुजली: आक के पत्तों का तेल खुजली में राहत देता है।
हानिकारक प्रभाव
हालांकि आक का पौधा कई लाभ प्रदान करता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। आक की जड़ की छाल का अधिक उपयोग आमाशय में जलन और उल्टी का कारण बन सकता है। इसलिए, इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए।